काबुली चना के फायदे और नुकसान |
स्वाशस्य्िय की द्रष्टि से छोले बहुत ही महात्वंपूर्ण है। इसमें प्रोटीन और विटामिन बी 6 अच्छी मात्रा में होते है, इनके साथ ही यह फोलेट, मैंगनीज और मैग्नी शियम जैसे पोषक तत्वों की मात्रा भी अच्छी पाई जाती है। इनमें कैल्शिम, पोटेशियम (potassium), और फाइबर भी होते है जो हमारे हृदय स्वाहस्य्ं के लिए लाभकारी होते है। इसमें उपस्थित प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण में मदद करते है और कोशिकाओं के स्वाहस्य्ं में सुधार करते हैं। जबकि मैग्नीपशियम, मैंग्नीहज और कैल्शियम आपकी हड्डियों को मजबूत करता है। विटामिन सी कैंसर जैसी बीमारीयों को रोकने में मदद करता है और त्व चा स्वाशस्य्िय को बढ़ाता है।
फोलेट और लौह तत्वय गर्भावस्थाद (pregnancy) के दौरान बहुत अच्छा माना जाता हैं।
![]() काबुली चना के फायदे ब्लड शुगर को कंट्रोल करें – आपके शरीर में रक्ता शर्करा को नियंत्रित करने के लिए छोले चना का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसमें ग्लाiइसेमिक इंडेक्सी 28 होता है जो बहुत ही कम मात्रा में होता है। यही कारण है कि छोले चना आपके खून में शुगर स्तौर को नहीं बढ़ने देता है। कुछ प्रारंभिक शोध हैं जो बताते हैं कि छोले चना का उपयोग करने वाले लोगों में मधुमेह के खतरे कम होते हैं। छोले का उपयोग करने से रक्तदचाप के रक्तं ग्लूोकोज स्तगर को भी कम किया जा सकता है। छोले चना में फाइबर भी अच्छीक मात्रा में होते हैं जो रक्तो शर्करा के अवशोषण को धीमा कर देता है, जिससे टाइप 2 प्रकार के डायिबिटीज की संभावना कम हो जाती है। यह फाइबर आपकी भूख को भी नियंत्रित कर सकता है और इससे आपको उच्च ग्लाबइसेमिक इंडेक्स खाद्य पदार्थों से दूर रहने में मदद मिलती है। काबुली चना के फायदे वजन कम करने में – स्पुष्टय बात है कि छोले में फाइबर बहुत अच्छीF मात्रा में होता है, जो लंबे समय तक आपकी भूख को संतुष्ट रखता है। वास्तीव में छोले चना शरीर के वसा में कटौती करने में मदद कर सकते हैं, जो आपके वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। छोले में उपस्थित प्रोटीन वजन को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। अध्यसयनों से पता चलता है कि उच्चे प्रोटीन का सेवन करने से न केवल शरीर का वजन कम किया जा सकता है बल्कि शरीर से वसा को भी दूर किया जा सकता है। इसके अलावा प्रोटीन का थार्मिक प्रभाव 30% है। इसका मतलब है कि प्रोटीन की पाचन के दौरान आप कैलोरी को 30 प्रतिशत तक जला सकते है। छोले चने में अन्य पोषक तत्वल भी अच्छी मात्रा में होते है जो आपके वजन को घटा सकते हैं। काबुली चना के फायदे कैंसर से बचने में – सेलेनियम कैंसर प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है, जो कि हमें अधिकांश फलों और सब्जियों से प्राप्त नहीं होता है। हम इसे छोले चना से प्राप्त कर सकते हैं। यह खनिज यकृत को स्वoस्य्िका रखने में मदद करता है, जिससे शरीर कुछ कैंसर पैदा करने वाले यौगिकों को शरीर से बाहर करने में सक्षम बनाता है। सेलेनियम सूजन को भी कम करने में मदद करता है और ट्यूमर की वृद्धि को रोकता है। छोले बीजों में फोलेट होता है जो डीएनए संश्लेहषण और उसकी मरम्म त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह डीएनए में उत्प रिवर्तन से कैंसर कोशिकाओं के गठन को रोकता है। छोले चना में सैपोनिन्सत नामक फाइटोकेमिकल्सए होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में मदद करते हैं। इसमें उपस्थित फाइबर भी कोलोरेक्टोल कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है। इसमें उपस्थित विटामिन सी एक एंटीआक्सी डेंट का काम करता है जो कैंसर के प्रभावों को कम कर उन्हें पूरी तरह से रोकता है। अध्ययन बताते है कि आइसोफ्लावोन लेना स्तन कैंसर का खतरा कम कर सकता है। इस तरह आप काबुली चना का सेवन अपने आहार के रूप में कर कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। छोले का सेवन बनाए हड्डी मजबूत – लौह, फास्फेीट, कैल्शियम, मैग्नीकशियम, मैंगनीज, जस्ता और विटामिन K छोले चना में अच्छीस मात्रा में होते हैं। ये सभी पोषक तत्वे हड्डी की संरचना और ताकत बनाए रखने में मदद करते हैं। फॉस्फेेट और कैल्शियम दोनों ही हड्डी की संरचना के लिए महात्वमपूर्ण हैं, लेकिन दोनों खनिजों का अनुपातिक संतुलन आवश्यलक है। यदि आप पोटेशिम की अधिक मात्रा और कैल्शियम की कम मात्रा का सेवन करते हैं तो परिणामस्वसरूप आपकी हड्डीयों को नुकसान पहुंचा सकता है। हड्डी मैट्रिक्स गठन के लिए मैंगनीज की आवश्यरक्ताे होती है, लौह और जस्ताो कोलेजन के उत्पालदन और परिपक्करता में मदद करता है। अच्छी हड्डी यों के लिए विटामिन K का सेवन भी फायदेमंद होता है, क्यों्कि यह कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, और कैल्शियम के मूत्र विसर्जन को कम कर सकता है। आप ध्यानन दें कि हड्डी के निमार्ण और मरम्म त के लिए पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का सेवन करें। विटामिन K का कम सेवन करने से हड्डी फ्रैक्चमर का खतरा बढ़ जाता है। इन सभी समस्या ओं को दूर करने के लिए छोले चना का सेवन फायदेमंद होता हैं। काबुली चना के फायदे गर्भावस्था के समय – ऐसे पोषक तत्व जो गर्भावस्थाम के दौरान आवश्य्क होते हैं उनकी अच्छीc मात्रा छोले चने में मौजूद रहती है। इसमें फोलेट, फाइबर, प्रोटीन, लौह और कैल्शियम होते हैं। फोलेट गर्भावस्थाक के दौरान सबसे महात्वचपूर्ण पोषक तत्वम है। यह मां और भ्रूण के स्वा स्य्र् के लिए अनिवार्य है। यह बच्चे में तंत्रिका ट्यूब दोषों और कम वजन जन्मे के खतरे को कम करता है। गर्भावस्थाग के दौरान फोलेट का अपर्याप्तह सेवन, जन्मब के बाद बच्चे को संक्रमण और बीमारी के खतरे में डाल सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान काबुली चने का सेवन किया जा सकता है। सफेद चने के फायदे आंखों के लिए – बीटा-कैरोटीन की उपस्थिति छोले को हमारे लिए और अधिक उपयोगी बनाता है। यह द्रष्टि स्वासस्य्ीम को बढ़ावा देने में मदद करता है। इसके अलावा छोले चना में जस्तास होता है जो हमारी आंखों के लिए आवश्य क पोषक तत्वढ है। यह यकृत से विटामिन A को रेटिना तक ले जाने में मदद करता है। जस्ता मैक्रलर अघटन की प्रगबति को रोकने में भी मदद कर सकता है। काबुली चना (छोले) के गुण हृदय स्वाेस्य्ि के लिए – हृदय स्वाास्य्ले के लिए पोटेशियम, फाइबर , विटामिन सी और विटामिन बी 6 बहुत ही उपयोगी होते है, जो काबुली चना में उपलब्ध रहते हैं। फाइबर रक्तक में कुल कोलेस्ट्रो ल को कम करने में मदद करता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है। यह धमेनियों से पट्टिका को भी हटाता है और उनके स्वािस्य् र में सुधार करता है। जो दिल के लिए फायदेमंद होता है। अध्य यनों से पता चलता है कि काबुली चना में घुलनशील फाइबर कार्डियोवैस्कुलर बीमारी को रोकने में मदद कर सकता है। इसमें पोटेशियम भी अच्छीच मात्रा में होता है जो दिल के दौरे के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। भुने चने खाने के फायदे पाचन को ठीक करे – फाइबर कब्ज को रोकने में मदद करता है जो छोले (garbanzo) में अच्छी मात्रा में उपलब्ध रहता है। यह कब्जी को दूर करने के साथ नियमितता को बढ़ावा देता है। फाइबर पाचन तंत्र में एक ऐजेंट के रूप में भी कार्य करता है, जिससे समग्र पाचन स्वाास्य्ो में सुधार होता है। फाइबर पीएच स्तयर और स्व्स्थय आंत बैक्टी रिया को संतुलित करने में मदद करता है। यह आंत में अस्वा स्य्स् कर बैक्टीसरिया की संख्याट को भी कम करने में मदद करता है। छोले में स्ट्रा र्च भी होता है जो पाचन में सहायक होता है। छोले के फायदे महिलाओं में हार्मोनल नियंत्रण के लिए – फाइटोन्युाट्रिएंट्स की अच्छीख मात्रा छोले में पाई जाती है। जो स्तन कैंसर के खतरे को कम करता है। और एस्ट्रोयजन हार्मोन के रक्त स्तीर को बनाए रखकर ऑस्टियोपोरोसिस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। छोले मासिक धर्म और महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद लक्षणों के दौरान मूड परिवर्तनों को राहत देने में भी मदद करते हैं। काबुली चना के फायदे बालों के लिए – प्रोटीन की पर्याप्तो मात्रा के कारण छोले, बालों को झड़ने से रोक सकते हैं, और मैग्नीेज की उपस्थिति आपके बालों को मजबूती दिलाने में मदद कर सकते हैं। छोले में विटामिन ए और जस्ता भी होते हैं जो डैंड्रफ से लड़ते हैं। आप पानी के साथ कुछ छोले चनों को मसल कर अपने सिर में मालिश करें और 15 मिनिट के बाद साफ पानी से धो लें। इसमें उपस्थित जस्तां आपके बालों को पतला होने से रोकता है ,और तांबा बालों को फिर से उगने में मदद करता है। छोले के औषधीय गुण सूजन को कम करे – अध्ययनों से पता चलता है कि, एक सप्ता ह में छोले चनों को कम से कम 4 बार सेवन करने से सूजन की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। यह कुछ चयापचय में भी सुधार कर सकता है। छोले के अन्य पोषक तत्वन जैसे कि विटामिन ए, विटामिन सी, और बी 6, फाइबर, प्रोटीन मैग्नीनशियम सेलेनियम और लौह ये सभी सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए छोले को अपने आहार में शामिल किया जा सकता है यह आपके स्वासस्य्ग् के लिए फायदेमंद हो सकता है। काबुली चना का सेवन एनीमिया को रोके – छोले चना लोहा का अच्छा स्रोत होते है जो आपके शरीर में लोहे की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करता है। छोले चना इस प्रकार एनीमिया को रोकने में मदद करता है। यही कारण है कि गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं के साथ ही बढ़ते बच्चों को एनीमिया के खतरे से बचाने के लिए छोले चना का सेवन करने की सलाह दी जाती है। |