चना के स्वास्थ्य लाभ |
मूंगफली और चना का एक योग है| यह देश भर में सर्वत्र खाने के काम में लिया जाता है| बच्चों का यह मुख्य खाद्य है| यह प्यास को बुझाता है| सौन्दर्यवर्धक व बलवर्धक है| रक्त को भी यह साफ करता है, तथा जुकाम को दूर कर गले को सुरीला बनाता है| पेट के कृमियों को नष्ट करता है| यह एक ऐसा अनाज है जो अकेला ही भोजन के सारे खाद्य पदार्थों की पूर्ति कर देता है| विभिन्न प्रकार के रोगों में भी यह लाभकारी है| |
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1. विटामिन-सी प्रात: अंकुरित चने का नाश्ता प्रत्येक परिवार को करना चाहिए| अच्छे चने 24 घण्टे पानी में भिगोए रखें, फिर इनको भीगे हुए कपड़े में 20 घण्टे बंधा रखें| इससे हरेक चने में अंकुर निकल आते हैं| इन अंकुरित चनों पर नींबू निचोड़ें, पिसी हुई अदरक, काली मिर्च, काला या सैंधा नमक स्वाद के लिए डाल सकते हैं| इस नाश्ते में विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में मिलता है| यह नाश्ता फेफड़ों को बल देता है, वजन व को रक्त बढ़ाता है तथा रक्त साफ करता है| पाचन ठीक रखता है| चना पुष्टिकारक, स्वास्थ्यवर्धक, हृदय रोग-शोधक तथा निवारक है| यह शरीर में स्फूर्ति लाता है| 2. प्रोटीन्स बच्चों को महंगे बादामों के बजाय काले चने खिलाइए, वे अधिक स्वस्थ रहेंगे| जहां एक अण्डे के कीमत के बादामों में एक ग्राम प्रोटीन और तीस कैलोरी ऊष्मा की प्राप्ति होती है, वहां इस मूल्य के काले चने में 41 ग्राम प्रोटीन और 864 कैलोरी ऊष्मा प्राप्त होती है| 3. दूध वृद्धि (माता के दूध को बढ़ाना) यदि माता अपने बच्चे को दूध पिलाने में दूध की कमी महसूस करती हो तो 62 ग्राम काबुली चने रात को दूध में भिगो दें| सवेरे दूध को छानकर अलग कर लें| इन चनों को चबा-चबा कर खाएं, ऊपर से इसी दूध को गर्म करके पी लें| स्तनों में दूध बढ़ जाएगा| 4. श्वेत प्रदर (Leucorrhoea) सिके हुए चने पीसकर उन में खांड मिलाकर खाएं| ऊपर से दूध में देशी घी मिलाकर पीएं| इससे श्वेत प्रदर का गिरना बंद हो जाता है| 5. बहुमूत्रता बार-बार पेशाब आने पर एक छटांक भुने, सिके हुए चने खाकर, ऊपर से थोड़ा-सा गुड़ खाएं| दस दिन लगातार खाने से बहुमूत्रता ठीक हो जाएगी| वृद्धों को अधिक दिन इसे सेवन करना चाहिए| 6. गर्भपात यदि गर्भपात का भय हो तो काले चनों का काढ़ा पिलाएं| 7. मधुमेह रात को आधा छटांक काले चने दूध में भिगो दें और सवेरे खाएं| चने और जौ समान भाग मिलाकर इसके आटे की रोटी सुबह, शाम खाएं| केवल चने (बेसन) की रोटी ही दस दिन तक खाते रहने से पेशाब में शक्कर जाना बंद हो जाता है| 8. पित्ती 100 ग्राम चने (बेसन) से बने मोतिया लड्डुओं पर दस काली मिर्च पिसी हुई डालकर खाएं| 9. पागलपन पित्त (गर्मी) के कारण पागलपन हो तो शाम को एक छटांक चने की दाल पानी में भिगो दें| प्रात: पीसकर खांड और पानी मिलाकर एक गिलास भर कर पीने से लाभ होता है| चने की दाल भिगोकर उसका पानी पिलाने से भी उन्माद और वमन ठीक हो जाता है| 10. पथरी रोग (Stone) गुर्दे (Kidney) या मूत्राशय (Bladder) में पथरी हो तो रात को एक मुट्ठी चने की दाल भिगों दें, प्रात: काल इस दाल में शहद मिला कर खाएं| 11. हृदय रोग हृदय रोग के रोगियों के लिए काला चना लाभदायक है| 12. मोटापा मोटापा घटाने के लिए नाश्ते में चना और चाय लें| 13. कुष्ठ रोग अंकुरित चना 3 वर्ष तक खाते रहने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है| 14. शक्तिवर्धक 25 ग्राम चने एक किलो पानी में रात को भिगो दें| चांदनी रात हो तो इन्हें चांदनी में रखें| प्रात: इनको इतना उबालें कि चौथाई पानी रह जाए| इस पानी को पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है| 50 ग्राम ताजा हरे चने नित्य खाने से भी शक्ति बढ़ती है| 15. भूख (भूख कम करना) एक कप वाले चने तीन गिलास पानी में उबालें| फिर छानकर यह पानी पीने से जिन्हें भूख अधिक लगती हो, उनकी भूख कम हो जाती है| 16. जलोदर जलोदर होने पर चने की दाल खाने से जलोदर का पानी सूख जाता है| जलन, पेचिश, जलन, पेचिश में दो मुट्ठी चने का छिलका दो गिलास पानी में मिट्टी के कोरे बर्तन में रात को भिगो दें| यह पानी छान कर प्रात: पी जायें| जलन और गर्मी के कारण दस्तों में रक्त आता हो तो ठीक हो जाता है| 17. सौंदर्यवर्द्धक चने की भीगी हुई दाल को पीसकर उसमें हल्दी तथा कुछ बूंदें किसी अन्य तेल की डालकर उबटन बनाएं, बहुत हितकर होगा| 18. चेचक भीगे हुए चने पर कुछ देर रोगी अपने हथेलियों रखें| फिर इस चने को फेंक दें| भीगा हुआ चना चेचक के कीटाणुओं को सोख लेता है| 19. उलटी (Vomiting) रात को एक मुट्ठी चने एक गिलास पानी में भिगो दें| प्रात: इनका जल निथार कर पिएं| गर्भवती को उलटी हों तो भुने हुए चने का सत्तू पिलाएं| 20. सफेद दाग मुट्ठी भर काले चने और दस ग्राम त्रिफला चूर्ण (हरड़, बहेड़ा, आंवला) 125 ग्राम पानी में भिगों दें| 24 घंटे बाद अंकुर निकलने पर इन चनों को बहुत चबा-चबा कर लगातार कुछ महीने खाने से सफेद दाग दूर हो जाते हैं| 21. जलोदर 25 ग्राम चनों को 25 ग्राम पानी में औटा कर आधा पानी रहने पर पीने से जलोदर में लाभ होता है| यह 3 सप्ताह लगातार पिएं| 22. पीलिया एक मुट्ठी चने की दाल दो गिलास पानी में भिगो दें| फिर दाल को निकाल कर समान मात्रा में गुड़ मिलाकर तीन दिन तक खाएं| प्यास लगने पर दाल का वही पानी पिएं| 23. दर्द कमर, हाथ, पैर जहां कहीं भी दर्द हो, तो दर्द वाली जगह पर बेसन डाल कर नित्य मालिश करें| एक बार मालिश किए हुए बेसन को पुन: मालिश के काम में ले सकते हैं| इस तरह मालिश करने से दर्द ठीक हो जाता है|; 24. धातु-पुष्टि भीगी हुई चने की दाल में शक्कर मिलाकर रात को सोते समय खाएं| इसे खाकर पानी न पिएं| इससे धातु पुष्ट होती है| 25. चेहरे का सौंदर्य बेसन से चेहरा धोने से धब्बे, झाई मिटती है, चेहरा सुन्दर निकलता है| तेज धूप, गर्मी, लू से त्वचा की रक्षा करने के लिए बेसन को दूध या दही में मिलाकर गाढ़ा लेप बना लें| इसे सुबह, शाम आधा घण्टे त्वचा, चेहरे पर लगा रहने दें, रूप निखर उठेगा| 26. चर्मरोग (दाद, खुजली) चने के आटे की रोटी बिना नमक की 64 दिन तक खाने से दाद, खुजली रक्त विकार दूर हो जाते हैं| इसके साथ घी ले सकते हैं| 27. त्वचा का कालापन 12 चम्मच बेसन, 3 चम्मच दही या दूध, थोड़ा-सा पानी, सबको मिलाकर पेस्ट-सा बना कर पहले चेहरे पर मलें और फिर सारे शरीर पर मल लें| दस मिनट बाद स्नान करें, साबुन न लगाएं| इस उबटन को करते रहने से त्वचा का कालापन दूर हो जाएगा| 28. तेलीय त्वचा यदि चिकनी त्वचा है तो गुलाब जल में बेसन मिला कर चेहरे व शरीर पर लगाएं| 29. फरास चार बड़े चम्मच बेसन एक बड़े गिलास पानी में घोल कर बालों पर मलें, फिर सिर धोलें| इससे फरास या रूसी दूर हो जाएगी| 30. सिर-दर्द 10 ग्राम नुकती (दाने या मोती चूर) के लड्डुओं पर आधा चम्मच घी और 10 काली मिर्च पिसी हुई डाल कर खाने से कमजोरी से होने वाला सिर-दर्द ठीक हो जाता है| 31. स्वासनली के रोग रात को सोते समय एक मुट्ठी भुने या सिके हुए चने खाकर ऊपर से एक गिलास गर्म दूध पीने से श्वास नली में जमा हुआ कफ निकल जाता है| 32. जुकाम गर्म-गर्म चने रूमाल में रखकर सूंघने से जुकाम ठीक होता है| 33. खूनी बवासीर सिके हुए गरमागरम चने खाने से इनमें लाभ होता है| 34. वीर्य का पतलापन एक मुट्ठी सिके हुए चने या भीगे हुए चने और 5 बादाम की गिरी खाकर ऊपर से दूध पीने से वीर्य गाढ़ा होता है| 35. कब्ज एक या दो मुट्ठी चने धोकर रात को भिगो दें| प्रात: जीरा और सौंठ पीसकर चनों पर डाल कर खाएं| घण्टे भर बाद चने भिगोए गये पानी को भी पी लें| इससे कब्ज दूर होगा| |