पान के स्वास्थ्य लाभ |
पान अत्यन्त चरपरा, कटु, क्षारयुक्त एवं मधुर होता है| इसकी उपस्थिति में वात, कफ एवं कृमियों को विदा लेनी पड़ती है| मुंह की दुर्गन्ध को यह दूर करता है| बाजीकरण है, धारण-शक्ति एवं काम-शक्ति को बढ़ाता है| यह जितना पुराना होता है, उतना ही श्रेष्ठ माना जाता है| पान खाने से शारीरिक एवं मानसिक थकान दूर हो जाती है| पान के चबाने एवं चूसने पर लार की मात्रा अधिक निकलती है, जिससे पाचन-क्रिया में सहायता मिलती है| इससे प्यास और भूख भी शान्त हो जाती है तथा निम्न रोगों में भी यह बहुत लाभकारी है| |
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1. मुख के रोग (छाले, पायोरिया) पान में चने की दाल के बराबर कपूर का टुकड़ा डालकर पान चबाएं| पीक थूकते जाएं| ध्यान रहे कि पीक पेट में न जाये| इससे शीघ्र लाभ मिलेगा| 2. नाभि का पकना कभी-कभी नाभि से रक्त, मवाद आने लगता है| शिशुओं की नाल काटने पर नाभि पक जाती है| पर चिकनी सुपारी पानी में घिसकर सुबह-शाम दो बार नित्य लगाएं| नाभि ठीक हो जाएगी| 3. हानि भूखे पेट खाना हानिकारक है| गर्म प्रकृति वालों को पान नहीं खाना चाहिए| 4. गुर्दे के रोग वृक्क (Kidney) के रोगों में पान लाभदायक है| 5. दर्द एवं शोथ यकृत के दर्द, श्वासनली शोथ (Bronchitis) में सीने पर पान का तेल लगाकर, गर्म करके बांधने से लाभ होता है| 6. खांसी व जुकाम खांसी, जुकाम हो तो पान में लौंग डालकर खाएं| खांसी बार-बार चलती हो तो सेंकी हुई हल्दी का टुकड़ा डालकर पान खाएं| खांसी रात को अधिक चलती हो तो पान में अजवाइन डालकर खाएं| |