शुद्ध घी के स्वास्थ्य लाभ |
शुद्ध देशी घी जैसी वस्तु इस संसार में दूसरी कोई नहीं है| यह स्मरण-शक्ति को तीव्र बनाता है| इससे मेधा प्रखर व बुद्धि प्रबल बनती है| चिन-यौवन का अनुदान मिलता है| अणु-अणु में सौंदर्य स्फूर्त रहता है| शुद्ध घी अमृत के समान है| यह बात, कफ एवं पित्त को विदा करता है, थकान को दूर करता है| हृदय को अत्यंत हितकर है| चित्त को प्रसन्न करता है| किन्तु रक्तचाप, श्वास एवं खांसी में घी हानि करता है| तथा ज्वर रोगी को कभी भूलकर भी इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए| |
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1. स्मरण शक्तिवर्धक सिर पर गाय के घी की मालिश करने से स्मरण-शक्ति बढ़ती है, सिर के रोग भी दूर होते हैं| 2. जलन तलवों, हाथ पैरों में जलन हो तो घी मलने से मिट जाती हैं| 3. हिचकी थोड़ा सा गर्म-गर्म देशी घी पी लेने से हिचकी बन्द हो जाती है| 4. मोटापा बढ़ाना घी और शक्कर मिलाकर खाने से शरीर मोटा हो जाता है| 5. नकसीर रोगी को गर्दन पीछे झुकाकर लिटा दो और उसके दोनों नाक के नथुनों में पांच-पांच बूंद देशी घी की डालकर रोगी को इसे सांस से अन्दर खींचने को कहो| इस तरह घी को सूंघने से नकसीर आना बन्द हो जाता है| यह क्रिया एक सप्ताह कराएं| 6. विष जिसने विष खाया हो, जिसे सांप ने काटा हो, जिसे प्लेग हो गया हो, उसे आधा पाव देशी घी, चार बार दूध से या केवल घी पिला देने मात्र से सब प्रकार के विष बाहर निकल आता है| 7. जलना अग्नि से जलने पर घी लगाने से लाभ होता है| 8. बिवाइयां देशी घी और नमक मिलाकर बिवाइयों पर लगाएं| इससे त्वचा कोमल रहती है| जाड़ों में हाथ पैर नहीं फटते| 9. पित्ती पित्ती या छ्पाकी निकलने पर देशी घी और सैंधा नमक को मिलाकर मालिश करें| फिर कम्बल ओढ़कर पसीना लें| पित्ती मिट जाएगी| 10. नशा शराब का नशा होने पर दो चम्मच घी और इतनी ही चीनी मिलाकर पीने से नशा उतर जाता है| 11. खुश्की नाक में खुश्की तथा नथुनों पर पपड़ी जमने पर घी सूंघें और रुमाल पानी में भिगोकर सिर पर रखने से लाभ होता है| 12. गला बैठना, खांसी घी एक चम्मच, मिश्री एक चम्मच और 15 काली मिर्चें मिलाकर सुबह-शाम दो बार चाटने से गला बैठना और सूखी खांसी ठीक हो जाती है| इसे चाटने के बाद कुछ घण्टे पानी न पिएं| 13. पुरानी खांसी देशी घी और गुड़ आग पर गर्म करें, पिघलने पर खिलाएं| छाती पर घी और सैंधा नमक मिलाकर मालिश करें| इससे पुरानी खांसी ठीक हो जाती है| 14. क्षय रोग क्षय रोग में मक्खन, मिश्री मिलाकर खाने से क्षय रोग का नाश होकर बल मिलता है| 15. फफोला मकड़ी के मूतने से फफोले हो जाते हैं| इन पर घी और नमक मिलाकर लगाने से लाभ होता है| 16. दाग-धब्बे (चेहरे के काले दाग) रात को सोते समय चेहरे पर घी को मलने से चेहरे के काले दाग और चोट के दाग मिट जाते हैं| 17. होंठ फटना घी में जरा सा नमक मिलाकर होंठों व नाभि पर लगाने से होंठ फटना बन्द हो जाते हैं| 18. सिर दर्द प्रतिष्ठित परिवार की एक रोगिणी ने अपना अनुभव बताया कि उसे नित्य रात को जब वह गहरी नींद में सोती थी, अचानक उसे तेज सिर-दर्द होता था| इसके लिए उसने कई डॉक्टरों से चिकित्सा कराई पर लाभ नहीं हुआ| बातों ही बातों में सिर-दर्द की चर्चा करते समय एक बुजुर्ग ने उससे कहा कि वह रात को सोते समय पैर के तलुवों पर नीचे देशी घी की मालिश करके सोया करे| उसने ऐसा ही किया| चार दिन की मालिश से ही उसका सिर-दर्द ठीक हो गया| 19. आधे सिर का दर्द जो दर्द सूर्य के साथ घटता-बढ़ता हो तो सुबह-शाम घी सूंघे| सिर-दर्द गर्मी से हो तो ठंडा और बादी का हो तो गर्म घी से सिर की मालिश करे| 20. दस्तावर दस्तावर औषधि लेने से पहले यदि तीन तक घी काली मिर्च के साथ पी लें तो आंतें मुलायम होकर मल फूल जाता है और दस्तावर औषधि लेने से पेट की सब गन्दगी बाहर निकल आती है| गर्म दूध और घी मिलाकर पीने से दस्त ढीला होता है| यह प्रयोग अर्श में भी लाभदायक है| 21. छाले (Stomatitis) रात को सोते समय छालों पर घी लगाने से लाभ होता है| 22. खूनी बवासीर घी, तिल और मिश्री में से प्रत्येक को एकेक चम्मच मिलाकर नित्य तीन बार खाएं| बवासीर में से रक्त गिरना बन्द हो जायेगा| 23. नेत्र-ज्योति नेत्र ज्योति बढ़ाने हेतु गाय का ताजा घी और मिश्री मिलाकर खाएं| घी आंखों के लिए उपयोगी है| |