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मटर के फायदे

मटर को सुपरफूड भी कहा जाता है क्योंकि यह पोष्टिक आहार से भरपूर है। इसमें हाई फाइबर, विटामिन, मिनरल्स पाए जाते हैं और यह एंटीऑक्सीडेंट से भी भरपूर है। मटर का साइज बहुत छोटा है लेकिन इस छोटी सी मटर में कई सारे पोष्टिक आहार बंद हैं। यह विटामिन, मिनरल्स और फाइबर से भरपूर है। विटामिन ए, बी6 और सी कुछ ऐसे विटामिन हैं जो काफी फायदेमंद हैं। इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स जैसे कि पोटैशियम को अपनी डाइट में शामिल करने से ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है।





एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
मटर में कई तरह के विटामिन होते हैं इसके अलावा इसमें फ्री रेडिकल को खत्म करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। फ्री रेडिकल ऑक्सीजन में पाए जाते हैं। यह सेल, स्वस्थ सेल के साथ मिल जाते हैं और स्वस्थ सेल को नुकसान पहुंचाते हैं। फ्री रेडिकल से उम्र से जुड़े नुकसान और टिश्शू में जलन और सूजन होने लगती है। अगर आपकी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट की सही मात्रा होगी तो यह फ्री रेडिकल को खत्म करने में मदद करेंगे।

वजन कम करने में मदद
मटर में फाइबर से भी भरपूर होती है। मटर में डायट्री फाइबर पाया जाता है जिसको पचने में काफी समय लगता है। इसलिए मटर को वजन कम करने के लिए भी जाना जाता है। मटर खाने के बाद आपका पेट लंबे समय के लिए भरा रहता है जिससे आप बार- बार नहीं खाते हैं। डायट्री फाइबर को पचाने में ज्यादा एनर्जी का भी इस्तेमाल होता है इसलिए ज्यादा कैलोरी भी बर्न होती है। इससे मटर को नेगेटिव कैलोरी फूड भी कहा जाता है जो कैलोरी को बर्न कर मैटाबोलिज्म को सही करने से वजन कम करने में मदद करता है।

सामान्य ब्लड शुगर
हाई फाइबर होने के कारण मटर का सेवन करने से ब्लड शुगर सामान्य बना रहता है। फाइबर को पचने में ज्यादा समय लगता है जिससे हम कह सकते हैं कि ग्लूकोज का अवशोषण (absorption) धीरे हो जाता है। जिस कारण से (pancreas) को इंसूलिन (वो हार्मोन जो ग्लूकोज मोलेक्युल्स को एनर्जी में तोड़ने का काम करता है ) प्रोड्यूज करने का समय मिल जाता है। जिससे हमारा ब्लड शुगर लेवल सामान्य बना रहता है।

स्वस्थ इम्यूनिटी
इम्यूनिटी को स्ट्रोंग करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट मुख्य रुप निभाते हैं। यह हमारे शरीर को बाहर से होने वाले नुकसान से बचाकर रखते हैं। सही मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट का सेवन करने से बढ़ती उम्र में होने वाली बीमारी जैसे कि भूलने की बीमारी या फिर शरीर के किसी अंग को चलाने में परेशानी आदि के आसार जल्दी से दिखाई नहीं देते हैं।

गर्भवति महिलाओं के लिए फायदेमंद
मटर फोलेट (एक तरह का विटामिन बी) लेना का अच्छा आधार है। यह गर्भवति महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक है। यह शिशु में होने वाली कमी जैसे कि दिमाग या फिर रीड़ की हड्डी में कमी होने के आसार कम कर देता है। रोजाना 400 माइक्रोग्राम फोलेट का सेवन करना ऐसी बीमारी से दूर रहने के लिए काफी है। रेड ब्लड सेल की प्रोडक्शन बढ़ने से फोलेट की मात्रा बढ़ने से शिशु की तंत्रिका ट्यूब (neural tube) के विकास में मदद मिलती है जो दिमाग और रीड़ की हड्डी के लिए लाभदायक है।

आंखों की रोशनी के लिए लाभदायक
आंखों की रोशनी को बनाए रखने के लिए लोगों को हरी सब्जियां खाने के लिए कहा जाता है। मटर में विटामिन ए पाया जाता है जो आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद है। विटामिन आंखों को फ्री रेडिकल से बचाकर रखता है और श्लेष्मा झिल्ली (mucous membrane) को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। मटर में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट जैसे कि ल्यूटिन और कैरोटीन इसके काम और अच्छा और कुशल तरीके से पूरा करने में मदद करते हैं।

ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने में मदद
पोटैशियम के अलावा मटर में आयरन भी पाया जाता है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन को ले जाने में मदद करता है। शरीर में हीमोग्लोबिन (सेल जो शरीर में ऑक्सीजन लेकर जाता है) को बनाने में आयरन का अहम रुप निभाता है। अगर आपकी डाइट आयरन से भरपूर होगी तो शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती रहेगी जिससे शरीर में सही में ऑक्सीजन जाएगी औ सभी अंग अच्छे से काम करेंगे। इसलिए मटर खाने से आयरन की कमी नहीं होती है जिससे सांस की कमी से होने वाली बीमारी जैसे कि एनीमिया होने आसार कम हो जाते हैं।

सामान्य ब्लड प्रेशर
मटर में फास्फोरस होने के कारण से आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। फास्फोरस जैसे मिनरल्स ब्लड वेसल्स में एक पतला प्रभाव डालते हैं और उन्हें कब्ज से बचाते हैं और ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है।

मजबूत हड्डियां
विटामिन डी को हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए जाना जाता है लेकिन यह अकेला काम नहीं कर सकता है। इसके साथ इसको विटामिन के की भी जरुरत है जो मटर में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। विटामिन के कैल्शियम के साथ काम करता है और हड्डियों की डेंसिटी को बढ़ाने में मदद करता है। यह कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद करता है।