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आलू के फायदे

आलू विश्व का एकमात्र ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसे शाकाहारी और मांसाहारी हर तरह के व्यंजन में इस्तेमाल किया जा सकता है। खासकर, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में इसका प्रयोग अमूमन हर तरह की सब्जी में किया जाता है। यह सबसे आम सब्जी है, इसलिए लोग इसके गुणों को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन आपको बता दें कि आलू कई सामान्य शारीरिक समस्याओं से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से रोकथाम कर सकता है। इस लेख में जानिए कि सामान्य-सा आलू आपको किस प्रकार स्वस्थ रखने का काम कर सकता है। उससे पहले हम बात करते हैं आलू के प्रकारों के बारे में।




हृदय स्वास्थ्य
हृदय स्वास्थ्य के लिए आलू फायदेमंद हो सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल से मुक्त होता है, इसलिए इसका सेवन हृदय को स्वस्थ रखने के लिए किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार शरीर में बढ़ता कोलेस्ट्रॉल का स्तर हृदय को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है इसके अलावा, आलू फाइबर से समृद्ध होता है, जो वजन को नियंत्रित करने का काम करता है । एक रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ता वजन रक्तचाप को बढ़ाने का काम करता है और उच्च रक्तचाप स्ट्रोक का कारण बन सकता है । आलू में पोटैशियम जैसे तत्व भी पाए जाते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पोटैशियम युक्त भोजन का सेवन करने से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है और रक्तचाप से जुड़े हृदय रोगों के जोखिम से बचा सकता है ।

रक्तचाप
रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी आलू अहम भूमिका निभा सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि आलू पोटैशियम से समृद्ध होता है और पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। इसके अलावा, आलू में मौजूद फाइबर रक्तचाप से पीड़ित मरीजों में हाइपरटेंशन के प्रभाव को कम कर सकता है । रक्तचाप का एक कारण कोलेस्ट्रॉल भी है और आलू कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है। इस प्रकार आलू रक्तचाप को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है । शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करने में विटामिन-सी की भूमिका भी देखी जा सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन-सी युक्त सप्लीमेंट्स एसबीपी और डीबीपी (सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप) को कम करने का काम कर सकते हैं। हालांकि, रक्तचाप पर विटामिन-सी के प्रभाव को बेहतर तरीके से जानने के लिए और शोध की आवश्यकता है ।

हड्डी स्वास्थ्य
हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए भी आलू के फायदे देखे जा सकते हैं। आलू मैग्नीशियम से समृद्ध होता है, जिसे हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्वों में गिना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, मैग्नीशियम हड्डियों के संरचनात्मक विकास में मदद कर सकता है । आलू में हड्डियों के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व कैल्शियम भी पाया जाता है। हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए कैल्शियम सबसे अहम भूमिका निभाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, शरीर में कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो सकती है, जिससे हड्डियां कमजोरी और नाजुक हो जाती हैं। इसके अलावा, कैल्शियम की कमी हड्डियों के विकास को रोकने के साथ-साथ फ्रैक्चर का कारण बन सकती हैं। शरीर में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा बनाए रखने के लिए आप आलू को दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं । ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी रोग के पीछे एक अहम कारण दुबलापन भी है। दुबलेपन को दूर करने के लिए आलू का सेवन किया जा सकता है, क्योंकि आलू कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट से भी समृद्ध होता है, जो दुबलेपन से आपको मुक्त कर हड्डी स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है।

कैंसर
आपको जानकर हैरानी होगी कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के लिए भी आलू के फायदे देख जा सकते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि आलू कोलेस्ट्रॉल से मुक्त होता है और एक रिपोर्ट के अनुसार कोलेस्ट्रॉल शरीर में कई प्रकार के कैंसर का कारण बन सकता है । आलू को विटामिन-सी का अहम स्रोत माना गया है, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इस प्रकार आलू कैंसर के विरुद्ध एक सुरक्षात्मक भूमिका निभा सकता है। वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन-सी का उपयोग कैंसर थेरेपी के लिए किया जा सकता है । इसके अलावा, आलू विटामिन, मिनरल्स, फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से समृद्ध होता है, जो कैंसर से लड़ने के लिए शरीर को संपूर्ण पोषण प्रदान करते हैं ।

पाचन
आलू के गुण पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए भी देखे जा सकते हैं। जैसा कि हमने पहले बताया कि आलू फाइबर से समृद्ध होता है, जो पेट से जुड़ी समस्याओं पर प्रभावी रूप से काम करता है। फाइबर एक जरूरी पोषक तत्व है, जो पाचन को बढ़ावा देता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने का काम करता है । इसके अलावा, आलू विटामिन-बी समूह के नियासिन (विटामिन बी-3) तत्व से भी समृद्ध होता है। नियासिन पाचन तंत्र को नियंत्रित करने का काम कर सकता है ।

किडनी स्टोन
किडनी स्टोन को बाहर निकालने में भी आलू के फायदे देखे जा सकते हैं। आलू पोटैशियम का अच्छा स्रोत है और एक रिपोर्ट के अनुसार पोटैशियम की मदद से पथरी को ठीक किया जा सकता है । इसके अलावा, आलू में मौजूद फाइबर भी किडनी स्टोन को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, महिलाओं में मेनोपॉज के बाद फाइबर का सेवन किडनी स्टोन के विरुद्ध सुरक्षात्मक भूमिका अदा कर सकता है।

स्कर्वी
स्कर्वी एक चिकित्सकीय स्थिति है, जो शरीर में विटामिन-सी की कमी के कारण होती है। विटामिन एक जरूरी पोषक तत्व है, जो शरीर में कोलेजन (त्वचा, रक्त धमनियों और कार्टिलेज में पाया जाने वाला एक प्रोटीन) के निर्माण के लिए आवश्यक है। आलू विटामिन-सी से समृद्ध होता है, जो शरीर में विटामिन-सी कमी को पूरा कर स्कर्वी जैसे रोग से बचा सकता है ।

डायरिया
डायरिया की स्थिति में भी आलू फायदेमंद हो सकता है। आलू में जिंक जैसे जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो डायरिया के रोकथाम में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, जिंक का ओरल सप्लीमेंट एक्यूट डायरिया (जो तीन से पांच दिनों तक बना सकता है) को रोकने का काम कर सकता है। एक वैज्ञानिक रिसर्च में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि एक्यूट डायरिया को रोकने के लिए जिंक ओरल सप्लीमेंट का प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, आलू सोडियम और पोटैशियम से भी भूरपूर होता है, जो प्रभावी इलेक्ट्रोलाइट हैं। ये डायरिया के दौरान शरीर में तरल को नियंत्रित करने का काम करते हैं ।

करता है सूजन कम
आलू के फायदे यहीं खत्म नहीं होते। सूजन की स्थिति में शरीर को आराम देने के लिए भी आलू का प्रयोग किया जा सकता है। यहां आलू के छिलकों की भूमिका देखी जा सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, आलू और आलू का छिलका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है, जो सूजन को कम करने का काम कर सकता है ।

मस्तिष्क स्वास्थ्य
आलू में अल्फा लिपोइक नामक एसिड मौजूद होता है, जो मस्तिष्क के विकास में योगदान दे सकता है। वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, लिपोइक अल्जाइमर से पीड़ित मरीज में याददाश्त को बढ़ाने का काम कर सकता है । इसके अलावा, आलू विटामिन-सी भी समृद्ध होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन-सी न्यूरोट्रांसमीटर नामक एक खास ब्रेन केमिकल का उत्पादन करने का काम करता है (26)। न्यूरोट्रांसमीटर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करने का काम कर सकता है, जैसी मूड व नींद को नियंत्रित करने का काम आदि ।

रोग प्रतिरोधक क्षमता
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी आलू खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। जैसा कि हमने पहले बताया कि आलू विटामिन-सी से समृद्ध होता है, जिसे कारगर इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में जाना जाता है। विटामिन-सी एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को संचालित करने में एक अहम भूमिका निभाता है। साथ ही शरीर में आयरन जैसे पोषक तत्वों को अवशोषित करने में भी मदद करता है । इसके अलावा, आलू फाइबर से समृद्ध होता है और एक रिपोर्ट के अनुसार फाइबर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकता है ।

वजन को करता है नियंत्रित
शरीर का वजन नियंत्रित करने में भी आलू अहम भूमिका निभा सकता है। जैसा कि हमने बताया आलू फाइबर से समृद्ध होता है, जो वजन को नियंत्रित करने का काम करता है। फाइबर युक्त फल बिना ज्यादा कैलोरी बढ़ाए पेट को भरा रखने का काम करते हैं। वजन को नियंत्रित करने में विटामिन-सी भी कारगर हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन सी और बॉडी मास के मध्य विपरीत संबंध है, यानी यह बढ़ते वजन पर काबू पाने में मदद कर सकता है ।

कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल रक्त में पाया जाने वाला एक पदार्थ है। यह शरीर में स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, लेकिन रक्त में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बन सकती है । आलू कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है, यानी इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की चिंता किए बिना किया जा सकता है ।

नींद को बढ़ावा
आलू खाने के फायदे में नींद को बढ़ावा देना भी शामिल है। जैसा कि हमने बताया कि आलू विटामिन-सी से समृद्ध होता है और विटामिन-सी न्यूरोट्रांसमीटर (ब्रेन केमिकल) का उत्पादन करता है । न्यूरोट्रांसमीटर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार कर मूड और नींद को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। इसके अलावा, विटामिन-सी चिंता, तनाव, अवसाद व थकान को दूर करने का काम कर सकता है, जिससे नींद को बढ़ावा मिल सकता है ।

महावारी के पूर्व लक्षण
प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) कई लक्षणों का एक समूह है, जो किसी भी महिला को पीरियड्स से एक या दो हफ्ते पहले हो सकता है। इसमें पेट में सूजन, सिरदर्द और मूड में बदलाव शामिल हैं महावारी से पहले नजर आने वाले इन लक्षणों से निजात पाने में आलू आपकी मदद कर सकता है। यह कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से समृद्ध होता है और एक रिपोर्ट के अनुसार फाइबर व कार्बोहाइड्रेट महावारी के पूर्व के लक्षणों को कम करने का काम कर सकते हैं।