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4 कली लहसुन रोज खाएंगे तो होंगे ये फायदे

इस लेख में हम आपको मेडिकल साइंस द्वारा स्वीकार किए गए लहसुन के फायदों के बारे में बताएंगे।






लहसुन के औषधीय गुण
लहसुन को एलियम (प्याज) वर्ग का पौधा माना जाता है। इसे आप प्याज का करीबी रिश्तेदार भी कहा जा सकता है। लहसुन की हर गांठ में 10 से 20 कलियां होती हैं। लहसुन, भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में उगाया जाता है। लहसुन को तेज गंध और बेमिसाल टेस्ट की वजह से दुनिया भर में कुकिंग में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि प्राचीन इतिहास में लहसुन सिर्फ दवाइयां बनाने के काम में ही आता था ।
लहसुन के इन्हीं गुणों के कारण दुनिया भर की कई सभ्यताओं में इसकी काफी मांग थी। मिस्र, बेबीलोन, ग्रीक, रोमन और चीन की सभ्यताओं ने लहसुन के फायदों पर ग्रंथ भी लिखे थे । आधुनिक वैज्ञानिक अब ये जानते हैं कि लहसुन हेल्थ के लिए फायदेमंद क्यों है? रिसर्च के अनुसार, जब लहसुन को काटा, दबाया या चबाया जाता है तो उसमें मौजूद सल्फर प्रतिक्रिया करता है और यौगिक/कंपाउंड बनाता है। लहसुन से बनने वाले कंपाउंड में सबसे मशहूर एलिसिन को माना जाता है। हालांकि, एलिसिन अस्थिर कंपाउंड है जो सिर्फ ताजे कटे लहसुन में पाया जाता है।
जो अन्य कंपाउंड लहसुन को हेल्थ के लिए फायदेमंद बनाते हैं उनमें डिलाइल डिसल्फाइड और एस-एलिल सिस्टीन शामिल हैं। लहसुन के कंपाउंड हमारे शरीर में खाना पचाते वक्त घुल जाते हैं, वहीं से इसके लाभ हमारे पूरे शरीर में फैल जाते है।
सारांश: लहसुन, प्यार वर्ग का पौधा है। जिसे इसके अनोखे स्वाद और हेल्थ के लिए फायदेमंद होने के कारण उगाया जाता है। लहसुन में सल्फर काफी मात्रा में पाया जाता है। होम्योपैथी के साइंस के मुताबिक, सल्फर स्किन के रोगों और खून पतला रखने में मदद करता है।

पोषण में ज्यादा लेकिन कैलोरी में कम
लहसुन बेहद पौष्टिक होता है फिर भी इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। सिर्फ 1 ounce यानी (28-gram) लहसुन में रोज़ की जरूरत का :
  • मैंग्नीज (Manganese): 23%
  • विटामिन बी-6 (Vitamin B6): 17%
  • विटामिन सी(Vitamin C): 15%
  • सेलेनियम (Selenium): 6%
  • फाइबर/रेशा (Fiber): 0.6
इसके अलावा लहसुन से पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, कॉपर, पोटेशियम, फॉस्फोरस, आयरन और विटामिन बी1 भी मिलता है। लहसुन से थोड़ी मात्रा में कई अन्य पोषक तत्व भी होते हैं। यानी, कुल मिलाकर जितने भी पोषक तत्व हमारे शरीर को चाहिए वह सभी लहसुन में मौजूद होते हैं। सिर्फ 28 ग्राम लहसुन का सेवन करने से हमें 42 कैलोरी, 1.8 gram प्रोटीन और 9 gram कार्ब्स मिलता है।
सारांश: लहसुन में कैलोरी थोड़ी मात्रा में पाई जाती है। जबकि विटामिन सी, विटामिन बी6 और मैंगनीज अच्छी खासी मात्रा में पाया जाता है। इसमें थोड़ी मात्रा में अन्य पोषक पदार्थ भी पाए जाते हैं।

जुखाम-बुखार से बचाता है लहसुन
लहसुन से बनने वाले सप्लीमेंट हमारे इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं। 12 हफ्ते तक चली एक स्टडी में पाया गया कि रोज लहसुन का सेवन करने वालों को सर्दी-जुकाम कम होता है। ऐसे लोग विक्स जैसी प्लेसबो (placebo) दवाओं को खाने वालों से 63% तक कम बीमार पड़ते हैं (6)। स्टडी मेें सामने आया कि रोज लहसुन खाने वालों का सर्दी-जुकाम सिर्फ 1.5 दिन में ही ठीक हो गया। जबकि प्लेसबो दवाओं को खाने वालों को ठीक होने में 5 दिन तक लग गए।
वहीं एक अन्य स्टडी में पाया गया कि लहसुन के पुराने सत की हाई डोज (2.56 grams) रोज लेने से जुखाम-बुखार से आप जल्दी ठीक होते हैं। यानी लहसुन न खाने वाले 61% ज्यादा दिन बीमार रहते हैं ।
हालांकि, एक रिव्यू में ये भी कहा गया है कि ये प्रमाण काफी नहीं हैं और इस मामले में अधिक रिसर्च की जरूरत है । वैसे बता दें कि लहसुन के पक्ष में मजबूत सबूत न होने के बावजूद, अगर आप अपने रोज के भोजन में लहसुन को शामिल करते हैं तो आप ठंड से खुद का ज्यादा अच्छी तरह बचाव कर सकते हैं।
सारांश लहसुन के पोषक तत्व साधारण बीमारियों जैसे सर्दी-जुखाम और बुखार का खतरा कम करते हैं और हमें इनसे बचाने में मदद करते हैं।

ब्लड प्रेशर में फायदेमंद है लहसुन
दिल की बीमारियां जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों की जान लेती हैं। हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन, इन बीमारियों के होने की मुख्य वजहों में से एक हैं। मानवों पर किए गए अध्ययन में ये बात सामने आई है कि लहसुन के पोषक तत्व हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर घटाने में मदद करते हैं। लहसुन हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए रामबाण औषधि की तरह काम करता है ।
एक अन्य स्टडी में पाया गया, 600-1, 500 mg लहसुन का पुराना सत 24 हफ्तों तक लेने वाले बल्ड प्रेशर के मरीजों को काफी फायदा हुआ। इस स्टडी के अनुसार, लहसुन के सत और मशहूर दवाई एटेनेलोल (Atenolol) का असर इस अवधि में मरीजों पर एक जैसा हुआ ।
कई बार मरीजों को जल्दी लाभ के लिए दवाइयों की हाई डोज़ भी दी गई। जबकि वैसे ही फायदे रोज लहसुन की चार कलियां खाने वाले मरीजों में भी देखे गए।
सारांश: लहसुन की हाई डोज खाने से हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों की सेहत में सुधार आता है। कुछ मामलों में, इसे मरीजों पर दवाओं जैसा ही कारगर पाया गया।
कॉलेस्ट्रॉल घटाए, हार्ट अटैक से बचाए
लहसुन खाने से आपके शरीर में कॉलेस्ट्रॉल लेवल को सुधारता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा घट जाता है। इससे शरीर में कुल और एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल (LDL cholesterol) के स्तर में भी कमी आती है। हाई कॉलेस्ट्रॉल के मरीजों को लहसुन बहुत फायदा पहुंचाता है। रिसर्च में लहसुन के नियमित सेवन से एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल के लेवल में 10-15% की कमी देखी गई है।
शरीर में आमतौर पर एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल को बुरे जबकि एचडीएल कॉलेस्ट्रॉल को अच्छे कॉलेस्ट्रॉल माना जाता है। रिसर्च में पाया गया कि लहसुन खाने से एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल में कमी आती है लेकिन इसका एचडीएल कॉलेस्ट्रॉल पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं देखा गया है। दिल की बीमारियों में हाई ट्राईग्लिसराइड लेवल को अन्य खतरनाक फैक्टर माना जाता है। लेकिन लहसुन का ट्राईग्लिसराइड लेवल पर भी कोई खास असर नहीं देखा गया है ।
सारांश: रिसर्च के दौरान, लहसुन के सेवन से कुल और एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल में गिरावट देखी गई है। खासतौर उन्हें ज्यादा फायदे हुए हैं जो हाई कॉलेस्ट्रॉल के शिकार थे। लेकिन इसके सेवन का एचडीएल कॉलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड्स पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पाया गया है।

अल्जाइमर और डिमेंशिया से बचाता है लहसुन
अल्जाइमर (Alzheimer) और डिमेंशिया (Dementia) दिमाग से संबंधित बीमारियां हैं। लहसुन में ऐसे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो इन बीमारियों में फायदा पहुंचाते हैं। हमारे शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स हमें ऑक्सीडेटिव डैमेज पहुंचाते हैं जिसकी वजह से स्किन पर बढ़ती उम्र का प्रभाव दिखने लगता है। लहसुन में काफी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये एंटी ऑक्सीडेंट शरीर की रक्षा प्रणाली को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाते हैं ।
लहसुन के अधिक सेवन से मनुष्यों में एंटी ऑक्सीडेंट एंजाइम में बढ़ोत्तरी देखी गई है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर से होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को भी कम करने में मदद मिलती है (7, 9, 20)। लहसुन के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर में एक साथ कमी आती है। इसके अलावा शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट की भी मात्रा में सुधार आता है। इन सभी के संयुक्त प्रभाव से दिमाग की बीमारियों जैसे अल्जाइमर और डिमेंशिया से बचने में मदद मिलती है ।
सारांश: लहसुन में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो हमें बुढ़ापे और हमारी कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं। इसके सेवन से अल्जाइमर और डिमेंशिया के खतरे से भी बचाव होता है।

उम्र बढ़ाता है लहसुन
मनुष्यों की उम्र बढ़ाने के बारे में लहसुन के प्रभावों को साबित करना लगभग असंभव जैसा ही है। लेकिन जिंदगी पर खतरनाक असर डालने वाले तथ्यों जैसे ब्लड प्रेशर में जरूर लहसुन फायदा पहुंचाता है। इससे कहा जा सकता है कि लहसुन आपकी लंबा जीवन जीने में मदद करता है। तथ्य ये भी है कि लहसुन संक्रामक बीमारियों में भी फायदा पहुंचाता है। इन बीमारियों और कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण भी हर साल हजारों लोगों की मौत होती है।
सारांश: संक्रामक बीमारियों में लहसुन बेहद कारगर तरीके से काम करता है। इससे ये कहा जा सकता है कि लहसुन आपकी उम्र बढ़ाने में मदद करता है।

एथलीट के लिए वरदान है लहसुन
लहसुन को कई पुरानी सभ्यताओं में परफॉरमेंस बढ़ाने से जोड़कर देखा जाता था। रोमन सभ्यता में ग्लैडिएटर्स की थकान कम करने या फिर मजदूरों की काम करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए उन्हें लहसुन खिलाया जाता था। खासतौर पर, प्राचीन यूनान में ओलंपिक में खेलने वाले एथलीट को लहसुन खिलाया जाता था ।
दंत कथाओं से हमें पता चलता है कि लहसुन एक्सरसाइज के दौरान हमारी परफॉरमेंस को बढ़ा सकता है। लेकिन इस बारे में बहुत कम स्टडी की गई है। लेकिन स्टडी में पाया गया कि दिल के जिन मरीजों ने 6 हफ्ते तक लहसुन के तेल का सेवन किया था।
उनकी दिल की गति में 12% की कमी दर्ज की गई और उनकी एक्सरसाइज करने की क्षमता में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है । हालांकि, एक प्रतियोगिता में शामिल नौ साइकिल चलाने वालों पर किए गए अध्ययन में लहसुन का परफॉरमेंस पर कोई पॉजिटिव असर नहीं पाया गया। वहीं एक अन्य स्टडी में पाया गया कि व्यायाम से होने वाली थकान को लहसुन के सेवन से मिटाया जा सकता है।
सारांश: लैब में जानवरों और दिल के मरीजों को लहसुन खिलाने से उनकी शारीरिक परफॉरमेंस में सुधार देखा गया। हालांकि स्वस्थ लोगों पर उसका प्रभाव के बारे में स्टडी किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंची है।

भारी धातुओं को शरीर से निकाले लहसुन
लहसुन के अधिक सेवन से, उसमें मौजूद गंधक/सल्फर हमारे अंगों को हैवी मैटल/भारी धातुओं के जहर से बचाने में मदद करता है। इस बारे में एक कार बैटरी प्लांट में चार हफ्ते तक स्टडी की गई थी। यहां पर काम करने वाले मजदूर दिन भर लेड के संपर्क में रहते थे। रिसर्च में पाया गया कि लहसुन के सेवन से उनके खून में लेड के स्तर में 19% की गिरावट दर्ज की गई थी। इससे शरीर में सिरदर्द और ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाले लक्षणों में भी गिरावट दर्ज की गई है ।
ये भी पाया गया कि इन लक्षणों के उपचार के लिए अगर दिन में तीन बार लहसुन का सेवन किया जाए तो ये दवा डी-पेनिसिलामाइन (D-penicillamine) से भी बेहतर काम करती है।
सारांश: एक अध्ययन में पाया गया है कि लहसुन हमारे शरीर से लेड का जहर और उससे होने वाली समस्याओं से निपटने में बेहद कारगर है।

हड्डियों की सेहत सुधारता है लहसुन
मानवों पर किए गए किसी भी आधुनिक अध्ययन में हड्डियों की घिसावट रोकने में लहसुन के प्रभाव को मापा नहीं जा सका है। लेकिन, प्राचीन अध्ययन से हमें पता चलता है कि लहसुन खाने से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ती है जिससे हड्डियों की घिसावट में कमी आती है । वहीं मीनोपॉज के बाद महिलाओं पर किए अध्ययन में पता चला कि लहसुन के सूखे पाउडर (2 ग्राम रोज) के रोज सेवन से उनमें एस्ट्रोजेन की कमी काफी हद तक दूर हो गई । इससे पता चलता है कि लहसुन महिलाओं और पुरुषों में हड्डियों की सेहत सुधारने में बेहद कारगर साबित हुआ है। लहसुन और प्याज को रोज अपने भोजन का हिस्सा बनाने से हमें ऑस्टियोआर्थराइटिस में भी फायदा पहुंचता है
सारांश: स्टडी में पाया गया है कि लहसुन के सेवन से महिलाओं में एस्ट्रोजेन का लेवल सुधरता है। इससे हड्डियों की सेहत में भी सुधार देखा गया है। लेकिन इस पर और ज्यादा अध्ययन की जरूरत है।

लहसुन को बनाएं अपने भोजन का हिस्सा
ये प्वाइंट लहसुन के हमारी हेल्थ पर असर के बारे में नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद महत्वपूर्ण है। लहसुन को अपने रोजमर्रा के भोजन में शामिल करना बेहद आसान है। लहसुन बहुत सारे स्वादिष्ट पकवानों, खासतौर पर सूप और सॉस में डाला जाता है। लहसुन का तीखा स्वाद सब्जियों में घुलकर जबरदस्त पंच देता है। लहसुन का सेवन कई तरीके से किया जा सकता है। आप उसे साबुत निगल सकते हैं या फिर पाउडर, उसका सत और तेल निकालकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, ये बार भी ध्यान में रखनी चाहिए कि लहसुन के सेवन के कुछ निगेटिव पहलू भी हैं।
अधिक लहसुन खाने से आपके मुंह से बदबू आ सकती है। इसके अलावा कुछ लोगों को इससे एलर्जी भी होती है। अगर आपको खून से जुड़ी बीमारियां हैं या फिर आप खून को पतला करने की दवाएं ले रहे हों, तो लहसुन का सेवन बढ़ाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। वैसे आप लहसुन को सब्जी में डालकर खा सकते हैं। लहसुन की चटनी या अचार बना सकते हैं। लहसुन का हलवा बना सकते हैं या फिर उसे भूनकर या फिर साबुत भी खा सकते हैं।
सारांश: लहसुन खाने में स्वादिष्ट है और इसे अपने भोजन में शामिल करना भी आसान है। इसे आप कई पकवानों, सब्जियों, सूप, सॉस, ड्रेसिंग, चटनी और हलवा बनाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यानी हजारों सालों से ये लहसुन के औषधीय गुणों पर रिसर्च की जा रही थी। लेकिन अब विज्ञान ने भी उसे मान्यता दे दी है।