इस मंत्र को शुक्ल पक्ष के सोमवार से अमृत या लाभ के चौघडिये से शुरू करें एवं सवा लाख मंत्रों का जाप करें। विश्व भरण पोषण कर जोई, ताकर नाम भरत अस होई। गई बहोर गरीब नेवाजू , सरल सबल साहिब रघुराजू ॥