ॐ भं भैरवाय अनिष्ट निवारणाय स्वाहा। मम सर्वे ग्रहा : अनिष्ट निवारणाय स्वाहा। ज्ञानं देहि , धनं देहि, मम दारिद्र्य दुखं निवारणाय स्वाहा। सुतं देहि , यशं देहि, मम गृह क्लेशं निवारणाय स्वाहा। स्वास्थ्य देहि , बलं देहि, मम शत्रु निवारणाय स्वाहा। सिद्धं देहि, जयं देहि, मम सर्वे ऋण : निवारणाय स्वाहा । ॐ भं भैरवाय अनिष्ट निवारणाय स्वाहा।