ज्ञान मुद्रा

ज्ञान मुद्रा

यह मुद्रा ज्ञान और ध्यान के लिये जानी जाती है। यह मुद्रा सुबह के समय पद्मासन में बैठ कर करनी चाहिये। इससे ध्यान केंद्रित करने, अनिद्रा दूर करने तथा गुस्से को कंट्रोल करने में सहायता मिलती है।

कैसे करें
  • पहले एक स्वच्छ और समतल जगह पर एक चटाई या योगा मैट बिछा दे।
  • अब पद्मासन या वज्रासन में बैठ जाये।
  • अपने हाथों को घुटनों पर रखे और हाथों की हथेली ऊपर की ओर आकाश की तरफ होनी चाहिए।
  • अब तर्जनी उंगली (अंगूठे के साथ वाली) को गोलाकार मोडकर अंगूठे के अग्रभाग (सिरे) को स्पर्श करना हैं।
  • अन्य तीनों उंगलियों को सीधा रखना हैं।
  • यह ज्ञान मुद्रा दोनों हाथो से कर सकते हैं।
  • आँखे बंद कर नियमित श्वसन करना हैं।
  • साथ में ॐ का उच्चारण भी कर सकते हैं। मन से सारे विचार निकालकर मन को केवल ॐ पर केन्द्रित करना हैं।
  • दिनभर में कम से कम 30 मिनिट से 45 मिनिट करने पर लाभ मिलता हैं।
  • ऐसे तो इस मुद्रा का अभ्यास हम किसी भी समय कर सकते हैं पर सुबह के समय और शाम के समय यह मुद्रा का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं।
लाभ
  • ज्ञान मुद्रा का नियमित अभ्यास करने से सारे मानसिक विकार जैसे क्रोध, भय, शोक, ईर्ष्या इत्यादि से छुटकारा मिलता हैं।
  • अनिद्रा, सिरदर्द और माइग्रेन से पीड़ित लोगो के लिए उपयोगी मुद्रा हैं।
  • बुद्धिमत्ता और स्मरणशक्ति में वृद्धि होती हैं।
  • एकाग्रता बढती हैं।
  • शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढती हैं।
  • आत्मज्ञान की प्राप्ति होती हैं।
  • मन को शांति प्राप्त होती हैं।
सावधानी
  • यह ज्ञान मुद्रा खाली पेट करनी चाहिए।
  • अगर आप कुर्सी पर बैठ कर ये मुद्रा कर रहें है तो पैरों को हिलाना नहीं चाहिए।
  • इस मुद्रा में ध्यान नहीं भटकाना चाहिए।