आप भी नहीं जानते होंगे श्रीकृष्ण के ये 3 अद्भुत रहस्य

आप भी नहीं जानते होंगे श्रीकृष्ण के ये 3 अद्भुत रहस्य

भगवान श्रीकृष्ण का पूरा जीवन उनकी लीलाओं से भरा पड़ा है, जिसके कारण उनका व्यक्तित्व उतना ही मनमोहक लगता है। लेकिन मनमोहक के साथ इनका पूरा जीवन रहस्यों से भी भरा पड़ा है। आज हम आपको उनके बारे में एेसी ही कुछ रहस्यमयी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे शायद कोई नहीं जानता होगा।

किस रंग के कान्हा
ज्यादातर लोगों का कहना और मानना है कि कान्हा यानि श्रीकृष्ण का रंग सांवला या श्यामवर्ण है। श्यामवर्ण का अर्थात कुछ-कुछ काला और कुछ-कुछ नीला। जैसे सूर्यास्त के बाद जब दिन अस्त होने वाला होता है तो आसमान का रंग काले और नीले जैसा हो जाता है। लेकिन श्रीकृष्ण का रंग मेघ श्यामल था अर्थात काले, नीले और सफ़ेद रंग का मिला-जुला है।
कुछ किंवदंतियों के अनुसार श्रीकृष्ण का रंग न तो काला, न ही नीला था और न ही उनका रंग काला मिश्रित नीला नहीं था। न ही श्याम रंग था। असल में उनकी त्वचा का रंग मेघ श्यामल था। अर्थात काला, नीला और सफ़ेद मिश्रित रंग था।
श्रीकृष्ण की गंध
मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण के शरीर से मादक गंध आती थी। इस वजह से कई बार वेष बदलने के बाद भी कृष्ण पहचाने जाते थे। कई ग्रंथों के अनुसार कृष्ण के शरीर से गोपिकाचंदन और और रातरानी की मिलीजुली खुशबू आती थी। कुछ लोग इसे अष्टगंध भी कहते है।
श्रीकृष्ण के शरीर का रहस्य
कहा जाता है कि श्रीकृष्ण अपनी देह को अपने हिसाब से ढ़ाल लेते थे। कभी उनका शरीर स्त्रियों जैसा सुकोमल हो जाता था तो कभी बेहद कठोर। कहा जाता है कि युद्ध के समय उनका शरीर वज्र की तरह कठोर हो जाता था। ऐसा इसलिए हो जाता था क्योंकि वे योग विद्या में निपुण थे।
श्रीकृष्ण थे चिरयुवा
भगवान श्रीकृष्ण ने जब 119 वर्ष की उम्र में देहत्याग किया तब उनकी देह के केश न तो श्वेत थे और न ही उनके शरीर पर किसी प्रकार से झुर्रियां पड़ी थी। अर्थात वे 119 वर्ष की उम्र में भी युवा जैसे ही थे।